Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Oct 2024 · 2 min read

पुस्तक समीक्षा ” चुप्पी का शोर “

लेखक मनोरथ महाराज की कृति “चुप्पी का शोर”
आंदोलित अंतस्थ भावनाओं की मुखर अभिव्यक्ति का एक अप्रतिम प्रयास है , वर्तमान समाज में व्याप्त विसंगतियों , संस्कारहीनता , अंधानुकरण , भ्रष्टाचार ,
शासन व्यवस्था , न्यायपालिका एवं कार्यपालिका की अकर्मण्यता के विरुद्ध आक्रोशित भाव रचना में प्रकट होते हैं।
कभी वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति पर सटीक कटाक्ष प्रस्तुत किया है , तो कभी पाठको को न्यायोचित संदेश से अवगत कराया गया है।
मानवीय संवेदना के मर्म के दर्शन भी रचनाओं में होते हैं ,
रचना “अभागिन” एवं “मजदूर” गरीबों की त्रासदी का मार्मिक दृश्य प्रस्तुत करते है, जो पाठकों भाव विहृल कर द्रवित करने में सक्षम सिद्ध होते हैं।
रचना “भूख” में उस कटु यथार्थ को स्पष्ट करने का प्रयास किया है , कि भूखे पेट के सामने नीती , आदर्श , संस्कार सब कोरी बातें लगतीं हैं। क्योंकि भूखे पेट की खातिर रोटी जुटाने का लक्ष्य ही सर्वोपरि है।
लेखक ने मानवता की सद्भावना एवं पुरुषार्थ की महत्ता का संदेश भी अपने लेखन के माध्यम से देने का प्रयास किया है , जो प्रसंशनीय है।
वर्तमान शासन व्यवस्था एवं न्यायपालिका में व्याप्त भ्रष्टाचार एवं विसंगतियों पर रचनाएं “सिस्टमी चाल में चलना सीखो” एवं “जीत और हार ” तीखा व्यंग प्रस्तुत करतीं हैं , साथ ही अन्तर्निहित संदेश से पाठको अवगत कराया गया है।
नारी अस्मिता की रक्षा पर लेखक का चिंतन रचना
“मादा भ्रूण “में स्पष्ट होता है और समाज को एक सकारात्मक संदेश प्रस्तुत करता है।
लेखक का बाहृय जगत एवं अंतस्थ जगत के बीच संघर्ष रचना “अहम ब्रम्होस्मी” में परिलक्षित होता है।
जो भौतिकवाद एवं आध्यात्म के अन्तर को स्पष्ट करता है।
“एक अधूरी कविता” एवं ” कलम होगी कामयाब तभी” लेखक की निर्भीक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एवं सार्थक लेखन विधा की प्रतिबद्धता को इंगित करती है।
निसर्ग के सौंदर्य का काव्य वर्णन रचना “प्रकृति” में
अतिसुंदर रूप से किया गया है।
लेखक की विधा बधाई पात्र है।
रचना “बेचारा पति” वर्तमान समाज में पति की भूमिका पर एक कटाक्ष प्रस्तुत करती है , साथ ही रचना में सकारात्मक संदेश है कि पति पत्नी एक ही गाड़ी के पहिए हैं और उनकी भूमिकाएं परस्पर एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं ।
एवं परिवार की गाड़ी को सुचारू रूप से चलाने के लिए उनकी एक दूसरे के परिपूरक भूमिकाऐं आवश्यक हैं।
रचना” बुढ़ापा ” में लेखक ने यह सकारात्मक संदेश देने का प्रयास किया है कि व्यक्ति कितना भी
उम्र- दराज़ क्यों ना हो , यदि उसमें संकल्पित भाव है तो वह किसी भी उम्र में प्रतिबद्धता से अपने लक्ष्य की प्राप्ति कर सकता है।
कुछ रचनाओं में लेखक ने आधुनिक समय में संस्कार विहीनता , और असंवेदनशीलता , सामाजिक एवं नैतिक मूल्यों के ह्रास पर प्रकाश डाला है, जो उनके समाज के प्रति कर्तव्य- बोध को प्रकट करता है।

समग्र रूप से पुस्तक “चुप्पी का शोर” एक बहुआयामी काव्य संग्रह है , जो पाठकों को एक पठनीय कलेवर प्रदान करता है और उन्हें विभिन्न सामाजिक विषयों पर चिंतन को प्रेरित करता है।

96 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Shyam Sundar Subramanian
View all
You may also like:
ईश्वर के सम्मुख अनुरोध भी जरूरी है
ईश्वर के सम्मुख अनुरोध भी जरूरी है
Ajad Mandori
यूं ही कोई शायरी में
यूं ही कोई शायरी में
शिव प्रताप लोधी
धुन
धुन
Sangeeta Beniwal
होली
होली
डॉ नवीन जोशी 'नवल'
परोपकार
परोपकार
ओंकार मिश्र
कैद है तिरी सूरत आँखों की सियाह-पुतली में,
कैद है तिरी सूरत आँखों की सियाह-पुतली में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मन के वेग को यहां कोई बांध सका है, क्या समय से।
मन के वेग को यहां कोई बांध सका है, क्या समय से।
Annu Gurjar
पितरों का लें आशीष...!
पितरों का लें आशीष...!
मनोज कर्ण
सितमज़रीफ़ी
सितमज़रीफ़ी
Atul "Krishn"
जीवन में संघर्ष सक्त है।
जीवन में संघर्ष सक्त है।
Omee Bhargava
ज़िंदगानी
ज़िंदगानी
Shyam Sundar Subramanian
दोहा बिषय- दिशा
दोहा बिषय- दिशा
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मुनाफे में भी घाटा क्यों करें हम।
मुनाफे में भी घाटा क्यों करें हम।
सत्य कुमार प्रेमी
पोषित करते अर्थ से,
पोषित करते अर्थ से,
sushil sarna
3747.💐 *पूर्णिका* 💐
3747.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
जब भी सोचता हूं, कि मै ने‌ उसे समझ लिया है तब तब वह मुझे एहस
जब भी सोचता हूं, कि मै ने‌ उसे समझ लिया है तब तब वह मुझे एहस
पूर्वार्थ
"नजर से नजर और मेरे हाथ में तेरा हाथ हो ,
Neeraj kumar Soni
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
मतदान जरूरी है - हरवंश हृदय
मतदान जरूरी है - हरवंश हृदय
हरवंश हृदय
बच्चे
बच्चे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
राष्ट्र हित में मतदान
राष्ट्र हित में मतदान
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
ना जाने क्यों जो आज तुम मेरे होने से इतना चिढ़ती हो,
ना जाने क्यों जो आज तुम मेरे होने से इतना चिढ़ती हो,
Dr. Man Mohan Krishna
अगर प्रेम है
अगर प्रेम है
हिमांशु Kulshrestha
अनुभव 💐🙏🙏
अनुभव 💐🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
दर्द ना अश्कों का है ना ही किसी घाव का है.!
दर्द ना अश्कों का है ना ही किसी घाव का है.!
शेखर सिंह
*किसकी है यह भूमि सब ,किसकी कोठी कार (कुंडलिया)*
*किसकी है यह भूमि सब ,किसकी कोठी कार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
ओ अच्छा मुस्कराती है वो फिर से रोने के बाद /लवकुश यादव
ओ अच्छा मुस्कराती है वो फिर से रोने के बाद /लवकुश यादव "अज़ल"
लवकुश यादव "अज़ल"
#चिंतनीय
#चिंतनीय
*प्रणय*
"समरसता"
Dr. Kishan tandon kranti
मुझे जीना सिखा कर ये जिंदगी
मुझे जीना सिखा कर ये जिंदगी
कृष्णकांत गुर्जर
Loading...