Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Jun 2023 · 2 min read

*पुष्प-मित्र रमेश कुमार जैन की कविताऍं*

पुष्प-मित्र रमेश कुमार जैन की कविताऍं

रमेश कुमार जैन प्रकृति के उपासक हैं। पेड़-पौधे और फूलों से प्रेम करते हैं। दार्शनिक अंदाज में आपने बहुत सी कविताएं इनको ही आधार बनाकर लिखी हैं।
11 जून 2023 को आपने अपनी दो कविताएं प्रकाशित की हैं। एक पीपल के पेड़ के बारे में है, दूसरी सदाबहार के फूलों के आधार पर है। प्रकाशित होने से पहले ही मुझे आपके माध्यम से इन कविताओं को पढ़ने का सौभाग्य मिला है। विशेष बात यह है जहां एक ओर पीपल के पेड़ से संबंधित कविता में “पीपल की छांव में हृदय को शुद्ध करती शीतल वायु” पर जोर दिया गया है वहीं दूसरी ओर सदाबहार के फूलों के संबंध में तो रमेश कुमार जैन साहब की अनुभूति गजब की है।
जब मेरे पास आए तो कहने लगे कि “सदाबहार के सफेद फूल जो आकार में बैगनी रंग के फूलों से कुछ बड़े होते हैं, उनसे मैंने बातें की हैं। मैं जब कुछ कहता हूं तो वह सुनते हैं, मुस्कुराते हैं। इस तरह हमारी बातचीत चलती रहती है।”
अगर यह बात कोई साधारण व्यक्ति कहता तो मैं इसे नजरअंदाज कर देता । लेकिन रमेश कुमार जैन वह फकीर हैं जो अध्यात्म की दौलत से मालामाल हैं। मैंने उन्हें उनकी अनुभूतियों पर शुभकामनाएं दीं और कहा कि प्रकृति के बीच में रहकर प्राप्त होने वाले अनुभव दिव्य होते हैं तथा उनसे दिव्यता का ही प्रभामंडल विस्तार पाता है। इसलिए जो कुछ आपको अनुभव हो रहा है, उसका परिणाम अच्छा ही होगा।
जहां बैगनी रंग के सदाबहार फूलों को देखकर कवि ने लिखा है कि यह छोटे हृदय वाले/ उदासीन/ प्रफुल्लता से दूर रहने वाले/ सदाबहार तो होते हैं/ पर उल्लास से दूर दिखते हैं।”
यह कवि का निजी अनुभव है, जिसको पूरा सम्मान मिलना चाहिए । सफेद रंग के सदाबहार के बड़ी पंखुड़ियों वाले फूलों के संबंध में कविता की पंक्तियां देखिए ! कवि लिखते हैं :-
तुम मौन अवश्य हो/ पर मेरी आत्मा में निवास करते हो/ मुस्कुराते हो/ बतियाते हो/ सामान्य से बड़ी पंखुड़ी/ सोच भी बड़ी कर देती है
फूलों और पौधों पर कविताएं तो बहुत से लोग लिखते रहते हैं लेकिन अपनी आत्मा को फूलों का स्पर्श कराकर कविता लिखने वाले रमेश कुमार जैन तो अपना अलग ही व्यक्तित्व रखते हैं। आपने फूलों का वनस्पति शास्त्र में जो वैज्ञानिक नाम दिया गया है, वह भी कविता के शीर्ष पर अंकित कर दिया है। निजी दिव्य अनुभूतियों को कविता का विषय बना कर सार्वजनिक करने के लिए बहुत-बहुत बधाई रमेश कुमार जैन साहब
➖➖➖➖➖➖
समीक्षक : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

481 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

कोशिश
कोशिश
Dr fauzia Naseem shad
सर्दी में जलती हुई आग लगती हो
सर्दी में जलती हुई आग लगती हो
Jitendra Chhonkar
" इस दशहरे १२/१०/२०२४ पर विशेष "
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
किसी की सेवा...
किसी की सेवा...
ओंकार मिश्र
"जिन्दगी"
Dr. Kishan tandon kranti
****उज्जवल रवि****
****उज्जवल रवि****
Kavita Chouhan
नई उम्मीद
नई उम्मीद
Pratibha Pandey
बुद्धि
बुद्धि
Vishnu Prasad 'panchotiya'
** चीड़ के प्रसून **
** चीड़ के प्रसून **
लक्ष्मण 'बिजनौरी'
*ग़ज़ल*
*ग़ज़ल*
आर.एस. 'प्रीतम'
बोल मजीरा
बोल मजीरा
कुमार अविनाश 'केसर'
टूटे पैमाने ......
टूटे पैमाने ......
sushil sarna
स्वतंत्रता दिवस की पावन बेला
स्वतंत्रता दिवस की पावन बेला
Santosh kumar Miri
स्वाभिमान
स्वाभिमान
Shweta Soni
दीप
दीप
Karuna Bhalla
वेदनाओं का हृदय में नित्य आना हो रहा है, और मैं बस बाध्य होकर कर रहा हूँ आगवानी।
वेदनाओं का हृदय में नित्य आना हो रहा है, और मैं बस बाध्य होकर कर रहा हूँ आगवानी।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
आपकी सादगी ही आपको सुंदर बनाती है...!
आपकी सादगी ही आपको सुंदर बनाती है...!
Aarti sirsat
Raniya Bhikharin.
Raniya Bhikharin.
Acharya Rama Nand Mandal
पूर्वोत्तर का दर्द ( कहानी संग्रह) समीक्षा
पूर्वोत्तर का दर्द ( कहानी संग्रह) समीक्षा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
dr arun kumar shastri
dr arun kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सो
सो
*प्रणय*
बेटी
बेटी
Ayushi Verma
यह दशहरा चलो श्रीराम से करे हम प्रार्थना!!! और मांगे दस वरदा
यह दशहरा चलो श्रीराम से करे हम प्रार्थना!!! और मांगे दस वरदा
पूर्वार्थ
ऐसी प्रीत कहीं ना पाई
ऐसी प्रीत कहीं ना पाई
Harminder Kaur
इश्क़ में जूतियों का भी रहता है डर
इश्क़ में जूतियों का भी रहता है डर
आकाश महेशपुरी
*कर्ण*
*कर्ण*
Priyank Upadhyay
वह बचपन के दिन
वह बचपन के दिन
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
"मज़ाक"
Divakriti
वसंत पंचमी
वसंत पंचमी
Dr. Vaishali Verma
गाँधीजी (बाल कविता)
गाँधीजी (बाल कविता)
Ravi Prakash
Loading...