पुनर्विवाह #100 शब्दों की कहानी#
संज संवर दुल्हन बन आई सिद्धी अपने पिया शिवा के घर । दिल में नए-अरमान लिए नवजीवन की शुरुआत की दोनों ने और सास-ससुर ने खुशी-खुशी स्वागत किया नववधु को बेटी मान । लेकिन ये क्या अभी दुल्हन के हाथों की मेहंदी छूटी न थी कि कॉलोनी में नेता लोगों की पुरानी रंजिश के चलते झगड़े को रोकने गए शिवा को गलती से बंदूक की गोली लगी, शांत हो गया वो । हफ्ते-भर के भीतर सिद्धी के अरमानों पर मानो पानी फिर गया, परंतु सास-ससुर ने बीड़ा उठाया, इसी बेटी को नथनीसहित श्रृंगारकर दुल्हन का जोड़ा-पहना पुनर्विवाहकर विदा किया ।