पुत्र की भूमिका निभाते वक्त माता-पिता की उम्मीदों पर खरा उतर
पुत्र की भूमिका निभाते वक्त माता-पिता की उम्मीदों पर खरा उतरना,
पति की भूमिका निभाते वक्त पत्नी के हर अनकहे जज्बात समझना,
पिता की भूमिका निभाते वक्त अपने बच्चों की हर जरूरतों को पूरी करना,
अपने दर्द, अपने जरूरतों को परे रख सभी जिम्मेदारीयों को भली-भाँति पूरा करना,
इन सभी भूमिकाओ में पुरुष न हो तो फिर जीवन हो जाए व्यर्थ,
इतना भी आसान नहीं समझना पुरुष होने का अर्थ…!!!