Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Jun 2022 · 2 min read

पुण्य स्मरण: 18 जून 2008 को मुरादाबाद में आयोजित पारिवारिक समारोह में पढ़ी गईं दो

पुण्य स्मरण: 18 जून 2008 को मुरादाबाद में आयोजित पारिवारिक समारोह में पढ़ी गईं दो कविताऍं
—————————————————————–
परम-पूजनीय नानाजी श्री राधेलाल अग्रवाल सर्राफ ( 18 जून 1908 — 18 जून 2008 )
—————————————————————-
घर के मुखिया पुण्य प्रणाम
—————————————-
सौ-सौ नमन आपको घर के मुखिया पुण्य प्रणाम

जून अठारह सौ बरसों पहले जो शुभ आई थी
तपती हुई दुपहरी में तब शीतलता छाई थी
एक ज्योति को अन्धकार में उगते सबने देखा
खिंची कसौटी पर सुन्दर सोने की हो ज्यों रेखा
मिला आपसे निर्मलता का जग को नव-आयाम
सौ-सौ नमन आपको घर के मुखिया पुण्य प्रणाम

सात्विक जीवन जिया ,सादगी की पहचान बनाई
स्वाभिमान से भरे मान की रक्षा-रीति सिखाई
कभी न बोलो झूठ ,सत्य के पथ पर चलते जाना
रहो दूर छल-कपट भाव से सबको था बतलाना
याद आ रहा जीवन जो था शिव सुन्दर निष्काम
सौ-सौ नमन आपको घर के मुखिया पुण्य प्रणाम

जीवन जिया नेह से भरकर सबको नेह लुटाया
सबको निज समझा कुटुम्ब का कोई नहीं पराया
भरी हुई आत्मीय भावना से सुन्दर मति पाई
वही संत है ,नहीं हृदय में जिसके कटुता आई
धन्य आपकी साधु-भावना मंगलमय अविराम
सौ-सौ नमन आपको घर के मुखिया पुण्य प्रणाम
—————————-
दिनांक 18 जून 2008
—————————-
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा ,रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
————————————————————
————————————————————
जन्मशती समारोह
————————————————————
परम पूजनीय नानाजी श्री राधे लाल अग्रवाल सर्राफ (मुरादाबाद)
( 18 जून 1908 – 18 जून 2008 )
—————————————-
जन्म-शती पर नाना जी को नमस्कार शत बार है

कर्मवीर थे व्यापारी थे जिनकी अपनी शान थी
दूर-दूर तक उज्जवल छवि ही की जिनकी पहचान थी
सबसे मीठा बोल बोलना, जिनका शुभ्र स्वभाव था
कटुता का छल-कपट भाव का, जिनमें रहा अभाव था
रहा सभी से जीवन भर, जिनका निर्मल व्यवहार है
जन्म शती पर नाना जी को नमस्कार शत बार है

आज आ रहे याद हमें वह दिन नानी घर जाते
गर्मी में छुट्टी के कुछ दिन हिल-मिल जहाँ बिताते
हम बच्चे जो चीज मॉंगते, हमको वही दिलाते
चाट-पकौड़ी खट्टा-मीठा, भर-भर हमें खिलाते
उनकी ममता और नेह को बार-बार आभार है
जन्म शती पर नाना जी को नमस्कार शत बार है

शहद घुला था बातों में,हॅंसते ही केवल देखा
कभी न त्यौरी चढ़ी रोष की खिंचती कोई रेखा
कभी खिलौने देते भर-भर ,कभी मिठाई लाते
लगता जैसे अलादीन का दिया पास रख जाते
नाना जी का अर्थ स्वयं में कल्पवृक्ष साकार है
जन्म-शती पर नाना जी को नमस्कार शत बार है

याद आ रहे विष्णु-मामा याद आ रहीं नानी
याद आ रही चुन्नी-जीजी की सुधीर की वाणी
याद आ रहे वे दिन जब चिड़ियॉं गाना गाती थीं
नाना जी से सदा प्यार में नानी बढ़ जाती थीं
रोज बिछुड़ने का मिलने का मतलब यह संसार है
जन्म शती पर नाना जी को नमस्कार शत बार है
———————————
दिनांक 18 जून 2008
———————————-
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा ,रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

921 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
उलझी रही नजरें नजरों से रात भर,
उलझी रही नजरें नजरों से रात भर,
sushil sarna
कुछ अपनी कुछ उनकी बातें।
कुछ अपनी कुछ उनकी बातें।
सत्य कुमार प्रेमी
फर्क़ क्या पढ़ेगा अगर हम ही नहीं होगे तुमारी महफिल में
फर्क़ क्या पढ़ेगा अगर हम ही नहीं होगे तुमारी महफिल में
shabina. Naaz
पहले आसमाॅं में उड़ता था...
पहले आसमाॅं में उड़ता था...
Ajit Kumar "Karn"
एक विचार पर हमेशा गौर कीजियेगा
एक विचार पर हमेशा गौर कीजियेगा
शेखर सिंह
उस दर पर कोई नई सी दस्तक हो मेरी,
उस दर पर कोई नई सी दस्तक हो मेरी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मदद का हाथ अगर तुम बढ़ा सको तो चलो
मदद का हाथ अगर तुम बढ़ा सको तो चलो
Anis Shah
बहुत ही हसीन तू है खूबसूरत
बहुत ही हसीन तू है खूबसूरत
gurudeenverma198
गंगा- सेवा के दस दिन💐💐(दसवां अंतिम दिन)
गंगा- सेवा के दस दिन💐💐(दसवां अंतिम दिन)
Kaushal Kishor Bhatt
आज देव दीपावली...
आज देव दीपावली...
डॉ.सीमा अग्रवाल
*चाल*
*चाल*
Harminder Kaur
आश्रम
आश्रम
इंजी. संजय श्रीवास्तव
असहाय वेदना
असहाय वेदना
Shashi Mahajan
*सैनिक लड़ता है सीमा पर, भारत की रक्षा करता है (राधेश्यामी छ
*सैनिक लड़ता है सीमा पर, भारत की रक्षा करता है (राधेश्यामी छ
Ravi Prakash
वो मुझे
वो मुझे "चिराग़" की ख़ैरात" दे रहा है
Dr Tabassum Jahan
सच्चे होकर भी हम हारे हैं
सच्चे होकर भी हम हारे हैं
नूरफातिमा खातून नूरी
नव वर्ष
नव वर्ष
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
कीमती
कीमती
Naushaba Suriya
नेता
नेता
surenderpal vaidya
जनक देश है महान
जनक देश है महान
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
बुद्ध पूर्णिमा
बुद्ध पूर्णिमा
Dr.Pratibha Prakash
बह्र .... 122 122 122 122
बह्र .... 122 122 122 122
Neelofar Khan
■ बड़ा सवाल ■
■ बड़ा सवाल ■
*प्रणय*
कलेजा फटता भी है
कलेजा फटता भी है
Paras Nath Jha
अटल सत्य मौत ही है (सत्य की खोज)
अटल सत्य मौत ही है (सत्य की खोज)
VINOD CHAUHAN
कवि -प्रेयसी
कवि -प्रेयसी
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
जय श्री राम
जय श्री राम
Indu Singh
ज़िन्दगी दर्द का
ज़िन्दगी दर्द का
Dr fauzia Naseem shad
2888.*पूर्णिका*
2888.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रिश्तों का खेल
रिश्तों का खेल
पूर्वार्थ
Loading...