–> पुण्य भूमि भारत <–
यदि पृथ्वी पर ऐसा कोई देश है ,जिसे हम धन्य पुण्य भूमि कर सकते हैं यदि ऐसा कोई स्थान है जहां पृथ्वी के सब जीवों को अपना कर्म फल भोगने के लिए आना पड़ता है यदि ऐसा कोई स्थान है जहां भगवान की ओर उन्मुख होने के प्रयत्न संलग्न रहने वाले जीव मात्र को अंततः आना होगा यदि कोई ऐसा देश है जहां मानव जाति की क्षमता क्षमा धरती दया शुद्धता आदि सब वृतियों का सर्वाधिक विकास हुआ है और यदि ऐसा कोई देश है जहां आध्यात्मिकता तथा सर्वाधिक आत्मा अन्वेषण का विकास हुआ है वह भूमि भारत ही है अत्यंत प्राचीन काल से ही यहां पर भिन्न-भिन्न धर्म के संस्थापकों ने अवतार लेकर सारे संसार को सत्य की आध्यात्मिक सनातन और पवित्र धारा से बारंबार पल्लवित किया है यही से उत्तर दक्षिण पूर्व और पश्चिम चारों ओर दार्शनिक ज्ञान की प्रबल धाराएं प्रभावित हुई है और यही से वह धारा बहेगी जो आजकल की पार्थिव सभ्यता को आध्यात्मिक जीवन प्रदान करेगी।