पुज्य घासीदास बाबा पर
गीत – पुज्य घासीदास बाबा
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परम पुज्य घासी बाबा ने ,
सत का मार्ग बताया है ।
मानव मानव एक बराबर,
सबको गले लगाया है ।
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मानवता के लिए जनम भर ,
सुख साधन को त्याग किया ।
दया धर्म धारण कर मन में ,
जीवन भर अनुराग किया।
नहीं रहे भयभीत कभी भी ,
जो करना प्रत्यक्ष किया।
सत्यनाम का ज्ञान बाँटना,
निज जीवन का लक्ष्य किया।
जिसने पुण्य गिरौदपुरी को,
अपना धाम बनाया है।
मानव मानव एक बराबर,
सबको गले लगाया है ।
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अपने जीवन के पुण्यों का,
कण-कण जिसने बाँट दिया।
प्रेमभाव सत शांति धरम से,
सब द्वेषों को काट दिया।
सरल सहज व्यवहार रखे नित,
नहीं जनम भर क्रोध किया।
छाता पर्वत में तप करके,
मनुज जनम का शोध किया।
सत्यनाम के तेज पुंज से,
जिसने जग महकाया है।
मानव मानव एक बराबर,
सबको गले लगाया है ।
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जग में जितने जैतखाम है,
सब में गुरुवर वास करे।
जाता है जो गुरु शरणों में,
कभी नहीं सत्रांश करे।
जो मानव बाबा के पावन,
धाम पहुँच सत जपता है।
क्रोध कपट के दंश ताप में,
नहीं कभी वह तपता है।
लहर-लहर नीले अंबर में,
श्वेत ध्वजा लहराया है।
मानव मानव एक बराबर,
सबको गले लगाया है ।
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स्वरचित©®
डिजेन्द्र कुर्रे”कोहिनूर”
छत्तीसगढ़(भारत)
8120587822