Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Oct 2023 · 1 min read

**पी कर मय महका कोरा मन***

**पी कर मय महका कोरा मन***
***************************

पी कर मय महका कोरा मन,
मदिरा से चहका सारा तन।

फूटी कौड़ी समझूँ राजा,
बेशक ना बचता कोई धन।

हाला होती गम पर भारी,
खुशियों से खिलता है कण-कण।

मदिरालय में मदिरा का प्याला,
कहता फिरता करलो थोड़ा फन।

उन्मुक्त नभ मे अनुरुक्त साधक,
घोड़ा फुदके जैसे कानन।

मनसीरत मस्ती में नाचे झूमें,
भँवरा मचले सरपट उपवन।
**************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

403 Views

You may also like these posts

***किस दिल की दीवार पे…***
***किस दिल की दीवार पे…***
sushil sarna
जो असंभव है वो बात कैसे लिखूँ
जो असंभव है वो बात कैसे लिखूँ
Dr Archana Gupta
3838.💐 *पूर्णिका* 💐
3838.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
उठ जाग मेरे मानस
उठ जाग मेरे मानस
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
पूर्ण सफलता वर्तमान में मौजूद है हमें स्वयं के रूपांतरण पर ध
पूर्ण सफलता वर्तमान में मौजूद है हमें स्वयं के रूपांतरण पर ध
Ravikesh Jha
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
नेता
नेता
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
ख़बर है आपकी ‘प्रीतम’ मुहब्बत है उसे तुमसे
ख़बर है आपकी ‘प्रीतम’ मुहब्बत है उसे तुमसे
आर.एस. 'प्रीतम'
नफ़रत सहना भी आसान हैं.....⁠♡
नफ़रत सहना भी आसान हैं.....⁠♡
ओसमणी साहू 'ओश'
*अहम ब्रह्मास्मि*
*अहम ब्रह्मास्मि*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जैसे हातों सें रेत फिसलती है ,
जैसे हातों सें रेत फिसलती है ,
Manisha Wandhare
हिंदी दोहे - भविष्य
हिंदी दोहे - भविष्य
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
कोशिश करके हार जाने का भी एक सुख है
कोशिश करके हार जाने का भी एक सुख है
पूर्वार्थ
स्त्रियां अपना सर तभी उठाकर  चल सकती हैं
स्त्रियां अपना सर तभी उठाकर चल सकती हैं
Sonam Puneet Dubey
तलाशी लेकर मेरे हाथों की क्या पा लोगे तुम
तलाशी लेकर मेरे हाथों की क्या पा लोगे तुम
शेखर सिंह
जान गया जब मैं ...
जान गया जब मैं ...
Praveen Bhardwaj
ये नसीबा खेल करता जिंदगी मझधार है ।
ये नसीबा खेल करता जिंदगी मझधार है ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
वक्त आने पर भ्रम टूट ही जाता है कि कितने अपने साथ है कितने न
वक्त आने पर भ्रम टूट ही जाता है कि कितने अपने साथ है कितने न
Ranjeet kumar patre
“हिचकी
“हिचकी " शब्द यादगार बनकर रह गए हैं ,
Manju sagar
सृष्टि चक्र की स्तंभ नारी
सृष्टि चक्र की स्तंभ नारी
Sudhir srivastava
तेरी याद आती है
तेरी याद आती है
Akash Yadav
गैरों सी लगती है दुनिया
गैरों सी लगती है दुनिया
देवराज यादव
gazal
gazal
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
काश तुम मिले ना होते तो ये हाल हमारा ना होता
काश तुम मिले ना होते तो ये हाल हमारा ना होता
Kumar lalit
मित्र
मित्र
Dhirendra Singh
निरगुन
निरगुन
Shekhar Chandra Mitra
"अन्तरात्मा की पथिक "मैं"
शोभा कुमारी
बिन माली बाग नहीं खिलता
बिन माली बाग नहीं खिलता
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
" अफवाह "
Dr. Kishan tandon kranti
हस्ती
हस्ती
Shyam Sundar Subramanian
Loading...