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22 Mar 2020 · 1 min read

पीड़ा धरती की भला,क्या समझेगा नीर

पीड़ा धरती की भला ,क्या समझेगा नीर !
उसकी तो स्वछंद नित, बहना है तासीर ।।

रखा बनाकर देश को,सदा जिन्होंने दीन !
आये नजर तलाशते, अपनी पुनः जमीन !!
रमेश शर्मा

Language: Hindi
3 Likes · 1 Comment · 310 Views
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