पीड़ा जब जब है बढ़ी
पीड़ा जब जब हैं बढ़ी,किया यही उपचार।
सूरत उनकी देख ली,जिनसे करते प्यार ।।
जिनसे करते प्यार , लोग वो होते बूटी ।
अपने आते काम,और सब दुनिया झूठी ।।
कहते श्री कविराय,प्यार का जागा कीड़ा ।
हुये पराये दूर ,बढ़ी है जब जब पीड़ा ।।