पीछे तो उसके जमाना पड़ा था, गैरों सगों का तो कुनबा खड़ा था।
पीछे तो उसके जमाना पड़ा था, गैरों सगों का तो कुनबा खड़ा था।
फगुनिया के प्रेमी मांझी को देखो,
छिनी हथौड़े से तोड़ेगा पर्वत ज़िद पे अड़ा था।।
पीछे तो उसके जमाना पड़ा था, गैरों सगों का तो कुनबा खड़ा था।
फगुनिया के प्रेमी मांझी को देखो,
छिनी हथौड़े से तोड़ेगा पर्वत ज़िद पे अड़ा था।।