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22 Mar 2023 · 1 min read

पीक चित्रकार

पीक चित्रकार

कुछ सीढ़ियाँ
चढ़नें के बाद
मुँह में जमा
जर्दा व गुटखे का
मिश्रित पीक
बेचैन हो उठता है
एक कोनें को देखकर
जो कभी हुआ करता था
साफ सुथरा सफेद कैनवास
जिस पर पीक भरी कूँची से
किसी चित्रकार ने
शुरू किया था चित्र उकेरना
फिर एक से एक काबिल
चित्रकार आते
उकेरते व भरते रहे रंग
बिना किसी पेंसिल,
रंग व तूलिका के
इस अदभुत चित्र में
जो बदलता है दिन में
बार बार अपना
रूप रंग और स्वरूप

आड़ी और सीधी दीवार का
मिलन स्थल ये कोना
पीक चित्रकारों का
तीर्थ स्थल है
जहाँ हर जाति धर्म के चित्रकार
बिना भेदभाव के
अपनी कला का
प्रदर्शन करते है
अगर कोई कला संस्थान
इस अदभुत पेंटिंग को
चुनले किसी पुरस्कार के लिये
तो भी इसका श्रेय लेने को
नहीं होगा कभी झगड़ा
इन मानवतावादी
चित्रकारों में।

मौलिक व स्वरचित।
शांतिलाल सोनी
ग्राम कोटड़ी सिमारला
तहसील श्रीमाधोपुर
जिला सीकर राजस्थान

Language: Hindi
474 Views

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