पियार के रेल
भोजपुरी हास्य गीत
काना कोतड़ लंगड़ लूली
जबर पतरकी या हौ फूली
तुलतुल बोली तिरछी आँख
चाहे हो भईया दिमाग़ के हाफ
कउनो से त मेल करा द
पियार के हमरा रेल चला द
देखै में डाकिन सम कूहण
कबो न नहा दिखे उ फूहण
हमरे जइसन चतुर चलाक
हम श्यामपट और उ चाक
थारी में दूध डालि के
अंगूठी वाला अब खेल करा द
कउनो से त मेल करा द
पियार के हमरा रेल चला द
लपट सुंदरी कंचन काया
दे – दे हमके परेम बकाया
अरे नाहीं से त हँ हो जा
और त, थ, द, न हो जा
ईंय माने कछु नाहीं ह त
वरनमाला से यहके सेल करा द
कउनो से त मेल करा द
पियार के हमरा रेल चला द
खुल्लम बाल या रहे चोटहिया
सुरसुर नाकि भरपूर पोटहिया
चाल चले हथिनी के माफिक
हमके बा मंजूर ई टॉपिक
हमरे दिलवा पे हाथ रखा के
वोही से आल इज वेल करा द
कउनो से त मेल करा द
पियार के हमरा रेल चला द
-सिद्धार्थ गोरखपुरी