पितृ पक्ष (भक्ति-गीत)
पितृ पक्ष (भक्ति-गीत)
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जीवन-भर निज पुरखों को श्रद्धा से शीश झुकाओ
(1)
चले गए जो जग से उनके सौ- सौ ऋण हैं भारी
हमें चाहिए हम उनके हों सदा – सदा आभारी
याद करो उनके एहसानों को उनके गुण गाओ
जीवन-भर निज पुरखों को श्रद्धा से शीश झुकाओ
(2)
जन्म जिन्होंने दिया पकड़ उँगली चलना सिखलाया
पालन – पोषण किया हमारा जग में उच्च बनाया
सोचो तो उनका अथाह ऋण शायद चुका न पाओ
जीवन-भर निज पुरखों को श्रद्धा से शीश झुकाओ
(3)
करो स्मरण दादी बाबा , परबाबा परदादी
कितना प्रेम छुपा था उनमें आओ करो मुनादी
चित्र सँजो कर मन में उनका साँसो को महकाओ
जीवन-भर निज पुरखों को श्रद्धा से शीश झुकाओ
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रचयिता :रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99976 15451