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9 Dec 2023 · 1 min read

पिता

पौध को है सींचना,
बस पेड़ बनने तक महज़
वो बने औरों की छाया,
फल की इच्छा क्यूं करूं।
वो भी तो है मेरे जैसा
उसके होंगे अपने सपने,
मैं पिता पालक सही,
बालक की बाधा क्यूं बनू।।
मैं बनू शासक
उपासक वो बने,
मैं पिता ही हूं भला,
भगवान क्यूं कर मैं बनू।
है अगर रिश्ता रुधिर का,
बात स्पंदन करेगा
हु मैं पालक यदि सही
रखवार क्यूं कर मैं बनू।।

जय हिंद

Language: Hindi
1 Like · 208 Views
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