पिता
पिता! ही मेरी हर समस्या का हल हैं।
पिता! आज मेरे पिता! ही तो कल हैं।।
पिता! मेरी आंखें
पिता! मेरे पर हैं।
पिता ही तो मेरी
हर खुशियों का घर हैं।।
पिता! ही हैं जन्नत पिता! ही महल हैं।
पिता! इस धरा पर
हैं भगवान देखो।
पिता! की ये काया
में रहमान देखो।।
पिता! मेरी गीली ये आंखों का जल हैं।
पिता! मेरी ताकत
पिता! ही सहारा।
पिता! ही है कश्ती
पिता! ही किनारा।।
पिता! मेरा साहस पिता! मेरे बल हैं।
पिता! ही मेरी हर समस्या का हल।।