पिता धर्म का मूल है, माता जग की शान।
दोहे/मुक्तक
पिता धर्म का मूल है,माता जग की शान।
बेटा-बेटी मिल करें,वयोवृद्ध का मान।।
विद्या अर्जन सब करें,विद्या सुख का मूल।
धर्म कर्म परहित करें, मानवता की जान।
डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव,प्रेम
वरिष्ठ परामर्श दाता, प्रभारी रक्त कोष
जिला चिकित्सालय, सीतापुर