Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Aug 2024 · 1 min read

पितामह भीष्म को यदि यह ज्ञात होता

पितामह भीष्म को यदि यह ज्ञात होता
मौन होने का दंड इतना भयानक होता
शायद आजीवन मौन नहीं धारण करते
मौन दंड का यहीं इसी धरा में ही मिलता
_ सोनम पुनीत दुबे

28 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Sonam Puneet Dubey
View all
You may also like:
" फौजी "
Dr. Kishan tandon kranti
मे कोई समस्या नहीं जिसका
मे कोई समस्या नहीं जिसका
Ranjeet kumar patre
*सबके मन में आस है, चलें अयोध्या धाम (कुंडलिया )*
*सबके मन में आस है, चलें अयोध्या धाम (कुंडलिया )*
Ravi Prakash
तेरे बिछड़ने पर लिख रहा हूं ये गजल बेदर्द,
तेरे बिछड़ने पर लिख रहा हूं ये गजल बेदर्द,
Sahil Ahmad
जिन्दगी मे एक बेहतरीन व्यक्ति होने के लिए आप मे धैर्य की आवश
जिन्दगी मे एक बेहतरीन व्यक्ति होने के लिए आप मे धैर्य की आवश
पूर्वार्थ
टूटकर जो बिखर जाते हैं मोती
टूटकर जो बिखर जाते हैं मोती
Sonam Puneet Dubey
जयघोष
जयघोष
Vivek saswat Shukla
"जय जवान जय किसान" - आर्टिस्ट (कुमार श्रवण)
Shravan singh
आवो पधारो घर मेरे गणपति
आवो पधारो घर मेरे गणपति
gurudeenverma198
#बधाई
#बधाई
*प्रणय प्रभात*
हम सब एक हैं
हम सब एक हैं
surenderpal vaidya
संकल्प
संकल्प
Dr. Pradeep Kumar Sharma
4374.*पूर्णिका*
4374.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बेटा बेटी है एक समान,
बेटा बेटी है एक समान,
Rituraj shivem verma
आंखें
आंखें
Ghanshyam Poddar
*नुक्कड़ की चाय*
*नुक्कड़ की चाय*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
संस्कारी बच्चा-   Beby तुम बस एक साल रह लो कुॅवांरी,
संस्कारी बच्चा- Beby तुम बस एक साल रह लो कुॅवांरी,
Shubham Pandey (S P)
संपूर्ण कर्म प्रकृति के गुणों के द्वारा किये जाते हैं तथापि
संपूर्ण कर्म प्रकृति के गुणों के द्वारा किये जाते हैं तथापि
Raju Gajbhiye
रूठ जा..... ये हक है तेरा
रूठ जा..... ये हक है तेरा
सिद्धार्थ गोरखपुरी
स्वयं का न उपहास करो तुम , स्वाभिमान की राह वरो तुम
स्वयं का न उपहास करो तुम , स्वाभिमान की राह वरो तुम
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*वह बिटिया थी*
*वह बिटिया थी*
Mukta Rashmi
इंसान को इतना पाखंड भी नहीं करना चाहिए कि आने वाली पीढ़ी उसे
इंसान को इतना पाखंड भी नहीं करना चाहिए कि आने वाली पीढ़ी उसे
Jogendar singh
स्वीकारोक्ति :एक राजपूत की:
स्वीकारोक्ति :एक राजपूत की:
AJAY AMITABH SUMAN
मेरा दामन भी तार- तार रहा
मेरा दामन भी तार- तार रहा
Dr fauzia Naseem shad
प्रकृति सुर और संगीत
प्रकृति सुर और संगीत
Ritu Asooja
देखिए प्रेम रह जाता है
देखिए प्रेम रह जाता है
शेखर सिंह
रामायण  के  राम  का , पूर्ण हुआ बनवास ।
रामायण के राम का , पूर्ण हुआ बनवास ।
sushil sarna
आजकल अकेले में बैठकर रोना पड़ रहा है
आजकल अकेले में बैठकर रोना पड़ रहा है
Keshav kishor Kumar
संत का अपमान स्वप्न में भी न करें, चाहे स्वयं देवऋषि नारद आप
संत का अपमान स्वप्न में भी न करें, चाहे स्वयं देवऋषि नारद आप
Sanjay ' शून्य'
‘पितृ देवो भव’ कि स्मृति में दो शब्द.............
‘पितृ देवो भव’ कि स्मृति में दो शब्द.............
Awadhesh Kumar Singh
Loading...