पीयूष छंद-पिताजी का योगदान
पीयूष छंद
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पिताजी का योगदान
प्रेम रखते हिय सदा अरु आधार है ।
शुभ पिता जिस घर सुखी परिवार है ।।
नींव होते है पिता संस्कार है ।
एकता समभाव यह अवतार है ।।
आस है विश्वास सुंदर भावना।
दे सदा खुशियाँ हमें शुभ कामना ।।
स्वर्ग से बढ़कर पिता का प्यार है ।
मार्गदर्शन दे शुभम पितु सार है ।।
प्रेम अरु आशीष शुभ वरदान दे ।
शुभ पिता सबको सदा ज्ञान दे ।।
प्रेम से बंधन निभाना ध्येय है ।
सत्य की नित राह यह उपमेय है ।।
शुभ पिता रहते प्रमुख है सर्वदा।
पीर होती काम आते है सदा ।।
दे सुखद आनंद खुशियाँ बाटते ।
दर्द पीड़ा को सहे अरु काटते ।।
शुभ पिता का प्रेम जीवन के लिए ।
भाग्यशाली संग पिता के जिए।
भावना रिश्ते धरे भरमार जो ।
श्रेष्ठ पथ जीवन करे उद्धार जो ।।
शत नमन करते पिता ही शान है ।
कर्म शुभ करते चले सम्मान है ।।
आशा आजाद”कृति”