Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
*प्रणय*
69 Followers
Follow
Report this post
30 May 2024 · 1 min read
पिछले महीने तक
पिछले महीने तक
बड़े मीठे थे-
“उड़ीसा के अंगूर।”।
🙅प्रणय प्रभात🙅
Tag:
Quote Writer
Like
Share
1 Like
· 73 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
You may also like:
न जाने कितनी उम्मीदें मर गईं मेरे अन्दर
इशरत हिदायत ख़ान
सच्ची मोहब्बत भी यूं मुस्कुरा उठी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जिंदगी भी रेत का सच रहतीं हैं।
Neeraj Agarwal
रिश्तों में बुझता नहीं,
sushil sarna
ग़ज़ल _ ज़िंदगी भर सभी से अदावत रही ।
Neelofar Khan
बालकों के जीवन में पुस्तकों का महत्व
Lokesh Sharma
" मन "
Dr. Kishan tandon kranti
15--🌸जानेवाले 🌸
Mahima shukla
दिसम्बर की सर्द शाम में
Dr fauzia Naseem shad
हर फूल खुशबुदार नहीं होता./
Vishal Prajapati
प्रभु की लीला प्रभु जाने, या जाने करतार l
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
शापित है यह जीवन अपना।
Arvind trivedi
summer as festival*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जब तक दुख मिलता रहे,तब तक जिंदा आप।
Manoj Mahato
मौसम किसका गुलाम रहा है कभी
नूरफातिमा खातून नूरी
"आतिशे-इश्क़" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
कुली
Mukta Rashmi
शिलालेख पर लिख दिए, हमने भी कुछ नाम।
Suryakant Dwivedi
सफर कितना है लंबा
Atul "Krishn"
घर एक मंदिर🌷🙏
तारकेश्वर प्रसाद तरुण
अन्ना जी के प्रोडक्ट्स की चर्चा,अब हो रही है गली-गली
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
ओ परबत के मूल निवासी
AJAY AMITABH SUMAN
पेड़ और ऑक्सीजन
विजय कुमार अग्रवाल
*प्रभु पाने की विधि सरल ,अंतर के पट खोल(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
नौका को सिन्धु में उतारो
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
शुभ शुभ हो दीपावली, दुख हों सबसे दूर
Dr Archana Gupta
4304.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
हम बस अपने कर्म कर रहे हैं...
Ajit Kumar "Karn"
शीर्षक – मां
Sonam Puneet Dubey
GM
*प्रणय*
Loading...