पिछला वक़्त अगले वक़्त के बारे में कुछ नहीं बतलाता है!
पिछला वक़्त अगले वक़्त के बारे में कुछ नहीं बतलाता है!
और जो नहीं सोचते हैं वैसा कुछ अप्रत्याशित हो जाता है!
होनेवाली अप्रिय घटना का थोड़ा सा भी अंदेशा हो जाता!
तो इंसान पहले से ही उससे बचने का इंतज़ाम कर पाता!
…. अजित कर्ण ✍️