पास के लोगों की अहमियत का पता नहीं चलता
पास के लोगों की अहमियत का पता नहीं चलता
और दूर जाने पर वो इंसान रह-रहकर याद आता!
तब पछताने के सिवा कोई रास्ता नहीं बच जाता!
काश, पहले ही गहराई से उन्हें मैं जान पाता….
यही सोचते हुए परस्पर इंसान अफ़सोस जताता!
…. अजित कर्ण ✍️