Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jun 2020 · 1 min read

पाशविक भाई

बहन ने धर्मभाई के कलाई पर राखी बाँधी, चन्दन की टीका लगाई, आरती उतारी और महिमा-मंडित, प्रेम-पुष्पित ‘कर’ से मिठाई खिलाई ।
न परिचय, न पाती….। अनाथ को बहन ने धर्मभाई बनाया था , अपनी छत्रच्छाया में उन्हें भरकोशिश पढ़ाया-लिखाया और ‘चार्टर्ड – अकाउंटेंट’ जैसे ‘जॉब’ दिलवायी…. आमदनी की अम्बार सजी । प्रथम अवकाश में धर्मभाई सावन पूर्णिमा से एक दिन पूर्व बहन के पास आया था।
×××
थी तो पूर्णिमा की रात….
और रात में….
कमरे में अँधेरे होने का फायदा उठाया —
“म… मैं…. मैं….. कंचन हूँ, रमण ! …..तुम्हारी दीदी….कहीं बहन के साथ…. ऐसी नीच हरकतें…..।”
तबतक दरिंदे भाई ने माँ-तुल्य धर्मबहन की चोली और चुनरी को उनकी देह से अलग कर दिया था तथा अपनी कामवासना से उस पवित्र रिश्ते को कलंकित किया ।
×××
बहन ने भाई को सबकुछ दी और बदले में भाई ने उस देवी को कोठेवाली बना दिया, जिनका नाम कंचन बाई है । हाँ, कंचन आज वेश्या है, जिनकी हर रात नए-नए ग्राहकों के बाँहों में बीतती है।

Language: Hindi
504 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
‘ विरोधरस ‘---8. || आलम्बन के अनुभाव || +रमेशराज
‘ विरोधरस ‘---8. || आलम्बन के अनुभाव || +रमेशराज
कवि रमेशराज
कविता 10 🌸माँ की छवि 🌸
कविता 10 🌸माँ की छवि 🌸
Mahima shukla
मित्रता क्या है?
मित्रता क्या है?
Vandna Thakur
आज़ कल के बनावटी रिश्तों को आज़ाद रहने दो
आज़ कल के बनावटी रिश्तों को आज़ाद रहने दो
Sonam Puneet Dubey
प्यार और धोखा
प्यार और धोखा
Dr. Rajeev Jain
जन्नत
जन्नत
जय लगन कुमार हैप्पी
सच तो आज न हम न तुम हो
सच तो आज न हम न तुम हो
Neeraj Agarwal
हास्य गीत
हास्य गीत
*प्रणय*
4576.*पूर्णिका*
4576.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*** पल्लवी : मेरे सपने....!!! ***
*** पल्लवी : मेरे सपने....!!! ***
VEDANTA PATEL
प्यार समर्पण माँगता,
प्यार समर्पण माँगता,
sushil sarna
दो दिन की जिंदगानी रे बन्दे
दो दिन की जिंदगानी रे बन्दे
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
चाहत है बहुत उनसे कहने में डर लगता हैं
चाहत है बहुत उनसे कहने में डर लगता हैं
Jitendra Chhonkar
पितृ दिवस
पितृ दिवस
Dr.Pratibha Prakash
मैं नहीं तो, मेरा अंश ,काम मेरा यह करेगा
मैं नहीं तो, मेरा अंश ,काम मेरा यह करेगा
gurudeenverma198
हंसगति
हंसगति
डॉ.सीमा अग्रवाल
इंडिया दिल में बैठ चुका है दूर नहीं कर पाओगे।
इंडिया दिल में बैठ चुका है दूर नहीं कर पाओगे।
सत्य कुमार प्रेमी
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मुस्किले, तकलीफे, परेशानियां कुछ और थी
मुस्किले, तकलीफे, परेशानियां कुछ और थी
Kumar lalit
अपने मन के भाव में।
अपने मन के भाव में।
Vedha Singh
'रिश्ते'
'रिश्ते'
जगदीश शर्मा सहज
हर दफ़ा जब बात रिश्तों की आती है तो इतना समझ आ जाता है की ये
हर दफ़ा जब बात रिश्तों की आती है तो इतना समझ आ जाता है की ये
पूर्वार्थ
मेरी खूबसूरती बदन के ऊपर नहीं,
मेरी खूबसूरती बदन के ऊपर नहीं,
ओसमणी साहू 'ओश'
****प्रेम सागर****
****प्रेम सागर****
Kavita Chouhan
मुक्तक
मुक्तक
पंकज परिंदा
भाल हो
भाल हो
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
कारगिल युद्ध के समय की कविता
कारगिल युद्ध के समय की कविता
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
" आशा "
Dr. Kishan tandon kranti
पुनीत /लीला (गोपी) / गुपाल छंद (सउदाहरण)
पुनीत /लीला (गोपी) / गुपाल छंद (सउदाहरण)
Subhash Singhai
पाहन भी भगवान
पाहन भी भगवान
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
Loading...