पावस
1
वर्षा सुन्दरी
झूम रही है बाँध
पैरों पायल
2
पड़े नभ से
अवनि पर कुछ
सकुचा कर
3
कभी खेलती
केश घटाएं फैला
उच्च गगन में
4
झनन झन
कर कभी झनके
पैर पाजेब
5
कभी दोड़ती
खेत खलिहानों में
कर गर्जन
6
चपला बन
सात रंगों में दिखे
इन्द्रधनुष सी
7
कभी फूटती
बन कर दामिनी
विस्तृत भू मि
8
देख वर्षा को
काले कजरारे से
मेघ भू आए
9
लाकर स्मित
मुस्कान मुख पर
उर को भाए
10
भीगी भीगी मैं
भीगी भीगी सखियां
भीगा पी प्यारा