पारिजात बनें
कोरिसिया स्पेकिओस के पुष्प
प्रियदर्शी होते हैं
सीरत रहित
सुंदर महिला की तरह ।
कोरिसिया स्पेकिओस के फूल
होते हैं पेटू,
स्वार्थी करोड़पतियों,
ढोंगी समाजसेवियों की तरह ।
ये पुष्प/फूल
टहनियों की शोभा
हरी पत्तियाँ से मूँह मोड़कर
उन्हें धरती पर गिराकर
दो दिन मुस्कराकर
वृक्ष से गिरीं पीली पत्तियों के पास
टूटकर गिरते हैं
पारिजात फूल की तरह ।
दोनों पुष्पों के स्वभाव में अंतर है
एक समाज को गिराकर गिरता है
भ्रष्टाचारियों जैसे
दूसरा समाज को हराभरा रखे
सुगंध बिखेरता हुआ
लाल डंडी वाला पुष्प
देश की माटी में जा मिलता है
लाल बहादुर शास्त्री की तरह ।