“पायल”
“पायल”
***
तुम जितना धीरे चलती हो, पायल उतना शोर करती है !
धड़कने दिल कि बहक जाती है, ये गज़ब का जोर करती है !!
रह-रहकर यूँ सताती है, दिल बहकने को मज़बूर हो जाए
गर करे जो शिकायत इनसे, इशारा हमारी ओर करती है !!
!
डी के निवातिया
“पायल”
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तुम जितना धीरे चलती हो, पायल उतना शोर करती है !
धड़कने दिल कि बहक जाती है, ये गज़ब का जोर करती है !!
रह-रहकर यूँ सताती है, दिल बहकने को मज़बूर हो जाए
गर करे जो शिकायत इनसे, इशारा हमारी ओर करती है !!
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डी के निवातिया