पानी- पानी ….
पानी-पानी …
क्या वक्त आ गया है कि
ख़ून
ख़ून से ही
कतराता है
मगर
पानी से मिल जाता है
इसीलिये
ख़ून
ख़ून के सामने
पानी-पानी
हो जाता है
सुशील सरना
पानी-पानी …
क्या वक्त आ गया है कि
ख़ून
ख़ून से ही
कतराता है
मगर
पानी से मिल जाता है
इसीलिये
ख़ून
ख़ून के सामने
पानी-पानी
हो जाता है
सुशील सरना