Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Apr 2018 · 3 min read

पानी का महत्व

प्राकृतिक संसाधनों में जल एक ऐसा आधारभूत संसाधन है, ज़िसके बिना पृथ्वी तल पर जीवन की कल्पना असंभव है ! अगर देखा जाए तो हमारे देश में लगभग 20 करोड़ लोगों को पीने के लिए साफ पानी नहीं मिल पाता है और पूरे विश्व में यह आंकड़ा 1.30 अरब का और दुनिया भर में लगभग हर रोज लगभग को 6 अरब लोगों की मौत अशुद्ध पानी पीने से हो जाती है ! पृथ्वी पर जितना भी पानी मौजूद हैं उसका 97 प्रतिशत भाग खारा है सिर्फ 3% हिस्सा ही पीने योग्य पानी का है इसमें से भी 2% पानी बर्फ के रुप मे हैं ! यानि हमारे पास पीने योग्य पानी सिर्फ 1% ही हैं ! वहीं विश्व में प्रति 10 व्यक्तियों में से 2 व्यक्तियों को पीने का शुद्ध पानी नहीं मिल पाता है ! आज ग्लोबल वार्मिंग के कारण जल और वायु सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं ! तापमान की अधिकता के कारण दुनिया भर के ग्लेशियर बड़ी तेजी से पिघल रहे हैं इसका सबसे बड़ा कारण शुद्ध जल भंडारों के क्षरण के रूप में होगा ! इनकी पिघलने से नदियों में पहले तेज बाढ़ आ जाएगी और फिर सूखने लगेगी ! नदियों और अन्य जलाशयों में पानी की उपलब्धता कम हो जाएगी और पानी के लिए हाहाकार मच जाएगा ! इन दिनों अफ्रीका के अनेक देश दूषित पानी पीने के लिए मजबूर है जिसका परिणाम यह है कि वहां के लोग अनेक रोगों से ग्रसित हैं ! विश्व स्तर पर पर्यावरण और पानी बचाने के लिए अनेक सम्मेलन होता हैं ! इसमे बड़े-बड़े नेता इसके लिए राय भी देते हैं तमाम तरह के कानून बनाते हैं लेकिन जमीनी स्तर पर इसे लागू नहीं कर पाते जिसका परिणाम है कि लगातार जल संकट गहराता जा रहा है ! जिस स्तर से जनसंख्या बढ़ रही है पानी की मांग उतनी ही बढ़ती जा रही हैं ! एक अध्ययन से पता चला है कि सन 2025 तक विकासशील देशों में पानी की मांग मे 50 फिसदी की व्रिधि हो जायेगी जबकि विकसित देशों में पानी की खपत में 18 फ़ीसदी की बढ़ोतरी होगी ! जब पानी की उपलब्धता कम हो जाएगी तब स्वभाविक है कि पाने के लिए लोग आपस में लड़ेंगे सभी देश यही कोशिश कर रहे हैं की जो भी नदियां हैं उन्हें अपने देश की दिशा में मोड़कर अधिक से अधिक पानी का उपयोग कर सकें ! जिससे दूसरे देश को मिलने वाला पानी बंद हो जा रहा है पानी के बंटवारे को लेकर कई देशों के बीच विवाद उढ़ने भी शुरू हो चुके हैं ! यदि इस स्थिति को समय रहते नहीं सुधारा गया तो सचमुच तीसरा विश्व युद्ध पाने के लिए ही होगा ! भविष्य में जल संकट से निजात पाने के लिए सरकारी और व्यक्तिगत दोनों ही स्तर पर प्रयास होना चाहिये ! विकसित और विकासशील देश आपसी समझौते के तहत कार्बन उत्सर्जन की मात्रा कम कर के ग्लोबल वार्मिंग को नियंत्रित कर सकते हैं ! इससे ग्लेशियरो का पिघलना कम होगा और जल संकट भी दूर हो सकेगा ! इसलिए जीवन को बचाने के लिए पानी का संरक्षण अति आवश्यक है ! इससे निष्कर्ष निकलता है कि जल से जल संसाधन का उपयोग करें , दुरुपयोग नहीं !
कहा गया है कि …….
“जल जीवन का अनमोल रतन,
इसे बचाने का करो जतन !”

Language: Hindi
Tag: लेख
654 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ए मौत आ, आज रात
ए मौत आ, आज रात
Ashwini sharma
कैसे कहे
कैसे कहे
Dr. Mahesh Kumawat
हमें अलग हो जाना चाहिए
हमें अलग हो जाना चाहिए
Shekhar Chandra Mitra
जय हो जय हो महादेव
जय हो जय हो महादेव
Arghyadeep Chakraborty
बुंदेली चौकड़िया
बुंदेली चौकड़िया
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
दिल
दिल
Neeraj Agarwal
*प्रकृति के हम हैं मित्र*
*प्रकृति के हम हैं मित्र*
Dushyant Kumar
*कभी मिटा नहीं पाओगे गाँधी के सम्मान को*
*कभी मिटा नहीं पाओगे गाँधी के सम्मान को*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
.........,
.........,
शेखर सिंह
मेरा  दायित्व  बड़ा  है।
मेरा दायित्व बड़ा है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
गीतिका
गीतिका
Rashmi Sanjay
सफर 👣जिंदगी का
सफर 👣जिंदगी का
डॉ० रोहित कौशिक
..
..
*प्रणय*
ग़ज़ल _ आइना न समझेगा , जिन्दगी की उलझन को !
ग़ज़ल _ आइना न समझेगा , जिन्दगी की उलझन को !
Neelofar Khan
*अमृत-सरोवर में नौका-विहार*
*अमृत-सरोवर में नौका-विहार*
Ravi Prakash
पापियों के हाथ
पापियों के हाथ
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
सुख ,सौभाग्य और समृद्धि का पावन त्योहार
सुख ,सौभाग्य और समृद्धि का पावन त्योहार
Seema gupta,Alwar
लेकिन क्यों ?
लेकिन क्यों ?
Dinesh Kumar Gangwar
ऐसी थी बेख़्याली
ऐसी थी बेख़्याली
Dr fauzia Naseem shad
"इशारे" कविता
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
"समाज का भला हो सकता है"
Ajit Kumar "Karn"
3686.💐 *पूर्णिका* 💐
3686.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
सुन मुसाफिर..., तु क्यू उदास बैठा है ।
सुन मुसाफिर..., तु क्यू उदास बैठा है ।
पूर्वार्थ
मातु शारदे वंदना
मातु शारदे वंदना
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
भाई
भाई
Kanchan verma
आप सभी को नववर्ष की हार्दिक अनंत शुभकामनाएँ
आप सभी को नववर्ष की हार्दिक अनंत शुभकामनाएँ
डॉ.सीमा अग्रवाल
आख़िर उन्हीं २० रुपयें की दवाई ….
आख़िर उन्हीं २० रुपयें की दवाई ….
Piyush Goel
प्रेमिका को उपालंभ
प्रेमिका को उपालंभ
Praveen Bhardwaj
सावन
सावन
Dr Archana Gupta
नशा तेरी
नशा तेरी
हिमांशु Kulshrestha
Loading...