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9 Sep 2018 · 1 min read

पानी आँखों में भर लेना

गीत
०००
पानी आँखों में भर लेना
———————————–
जब सावन में बदरी बरसे,
मन मिलने को तड़फे तरसे,
जो चले गये बेशक घर से,
पर जा न सके उर के दर से,
उनकी उस छुअन रेशमी को ,महसूस लवों पर कर लेना ।
पल दो पल उनकी यादों का, पानी आँखों में भर लेना ।।

जड़ सींचा करता है माली,
तब महका करती है डाली,
खिलतीं हैं कलियाँ मतवाली,
टूटें ,गुलशन लगता खाली,
अनगिन नयनों ने अश्क पिये, कुछ मन में पी अंदर लेना ।
पल‌ दो पल उनकी यादों का, पानी आँखों में भर लेना ।।(१)

थे माँगों का सिंदूर गये,
कितनी आँखों के नूर गये,
सपने कर चकनाचूर गये,
पर नहीं‌ दिलों से दूर गये ,
जब लौटे लिपट तिरंगे में, उर पटल चित्र वह धर लेना ।
पल दो पल उनकी यादों का, पानी आँखों में भर लेना ।।(२)

वे हँसते-हँसते चले गये,
कैसे कह दूँ वे छले गये,
जो गोदी खेले पले गये,
कुरबानी के मनचले गये,
नयनों के बहते काजल की,पीड़ा थोड़ी सी हर लेना ।
पल ‌दो पल उनकी यादों का पानी आँखों में भर लेना ।।(३)

-महेश जैन ‘ज्योति’
???

Language: Hindi
Tag: गीत
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