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18 Jul 2024 · 1 min read

पाती पढ़कर मीत की,

पाती पढ़कर मीत की,
भीगे विरही नैन ।
दृगजल से आखर मिटे,
हृदय हुआ बैचैन ।।

सुशील सरना / 18-7-24

1 Like · 47 Views
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