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7 Feb 2024 · 1 min read

पहले प्यार का पहला खत

गुलाबों संग लिखा हमने कभी,
पहले प्यार का वो पहला खत ,
महबूब की आँखों में डूब कर,
महसूस की दिल की चाहत।

अंधियारी रातों में चिराग तले,
लिखते रहे इश्क की हकीकत,
हो जाती आँखें प्यार में बोझल,
याद कर उन्हें हो जाती आहत।

ख्वाब अनेकों दे जाता सरपट,
रातों का चैन हो जाता नदारद,
लिखनी होती थी कितनी बातें,
उत्सुकता मन की देती नसीहत।

क्या लिखूँ क्या ना लिखूँ बात ,
दिल की आरज़ू मन की हसरत,
कब होगी आरज़ू पूरी मिलन की,
कब मिलेंगी अब तुम को फुर्सत।

मेरा हंसना, मुस्कराना सब छूटा,
क्यों हो जाती हालात ए मुहब्बत,
ख़ामोशी बनी अब सखी सहेली,
सहेजी है मैनें खुदा की ये इनायत।

इन्तज़ार कर दिल होता उदास,
तेरी बातों में क्या है ख़ासियत,
नजरें मिलाने को दिल करता ,
आ भी जाओ करने हिफाजत।।

डा राजमती पोखरना सुराना

1 Like · 61 Views
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