पहले नदियां थी , तालाब और पोखरें थी । हमें लगा पानी और पेड़
पहले नदियां थी , तालाब और पोखरें थी । हमें लगा पानी और पेड़ की कोई कीमत नहीं है जमीन की कीमत है । हमने एक एक पेड़ काटा , नदी , कुआं, तालाबों को भरकर इमारतें , सड़कें , दुकान , स्टेडियम बनाया । हमें लगा हमने बहुत तरक्की कर ली है ….
“हमने सब बचा लिया नहीं बचा पाया तो पर्यावरण”
पर्यावरण दिवस विशेष : 5 जून