Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Jul 2021 · 4 min read

पहली नजर में प्यार

बचपन जब जवानी की दहलीज पर कदम रखती है ,तब दुनिया बड़ी ही खुबसूरत और अलग ही नजर आती है ,
नंदिनी फर्स्ट इयर की छात्रा बनारस में रहती है ,उसका दाखिला दिल्ली के कॉलेज में हो जाता है I अब उसे कॉलेज के लिए दिल्ली शिफ्ट होना था I नंदिनी के लिए एक नया अनुभव नया शहर अब कुछ नया था I नंदिनी बहुत ही उत्साहित थी I कल दिल्ली की टिकट है सब तैयारी हो गई कल की फ्लाईट लेकर नंदिनी बनारस से दिल्ली पहुँच गई I
******************************************************************************************************************************************************************************************************************
अभी नंदिनी के लिए दिल्ली में सब नया था I नए दोस्त ,नए लोग सब कुछ नया I दिल्ली में नंदिनी अपने रिश्तेदार के घर पर रुकी थी I यहाँ से कॉलेज पास था ,कल कॉलेज का पहला दिन था I अगले दिन नंदिनी जल्दी उठ जाती है ,जल्दी से कॉलेज के लिए तैयार होती है I पहला दिन है इसलिए लेट नहीं होना चाहती I ठीक 10 बजे नंदिनी अपने नए कॉलेज में पहुँच जाती है I सभी नए दोस्त मिलकर अच्छा लगता है I खुशी से नंदिनी की दोस्ती हो जाती है ,दोनों एक ही दिन में अच्छी दोस्त बन जाती हैं I
खुशी –नंदिनी क्या तुम्हें कभी प्यार हुआ है ?
नंदिनी –नहीं यार ,कभी इस बारे में सोचा नहीं ,अभी तो पढ़ने के दिन हैं I
ख़ुशी –नंदिनी तुम बातें बहुत अच्छी करती हो ,अच्छा बताओ अगर तुम्हें किसी लड़के से प्यार हो गया तो क्या करोगी I
नंदिनी –खुशी छोड़ो भी ये सब बातें ,मुझे इन बातों में नहीं पड़ना I
दोनों हँसने लगती हैं I और लाइब्रेरी की तरफ चल देती हैं I
तभी अचानक नंदिनी रोहित से टकरा जाती है I नंदिनी की किताबें और रोहित की किताबें फर्श पर गिर जाती हैं I नंदिनी अपनी किताबें उठाने जैसे ही झुकती है ,रोहित के टकरा जाती है I दोनों एक दूसरे को देखकर मुस्कुराने लगते हैं I
रोहित भी फर्स्ट इयर का छात्र है I और कॉलेज का सबसे सुन्दर और आकर्षित लड़का I
नंदिनी रोहित को टकटकी लगाकर देखती ही रह जाती है I रोहित नंदिनी की आँखों के आगे अपनी उँगलियों को घुमाता है I हेल्लो –हेल्लो क्या हो गया I
नंदिनी –ओह कुछ नहीं सॉरी सॉरी मेरी गलती थी आपकी सारी किताबें गिर गई I मैं उठा देती हूँ I
रोहित –कोई बात नहीं मैं उठा लूंगा मेरी तरफ से आपको भी सॉरी मैंने भी नहीं देखा और आपसे टकरा गया I
दोनों एक दूसरे को सॉरी बोलते हुए फिर मुस्कुराने लगते हैं I
रोहित –हाय मैं रोहित फर्स्ट इयर का स्टूडेंट और आप ,
नंदिनी –हाय रोहित में नंदिनी में भी फर्स्ट इयर की स्टूडेंट हूँ I
दोनों काफी देर तक बातें करते हैं I ओए एक दूसरे को अपना परिचय देते हैं I
नंदिनी कॉलेज से घर आती है ,आज बहुत थक गई थी I लेकिन आज उसके साथ आज कुछ अलग ही हो रहा था I उसे बार –बार रोहित की बातें उससे टकराना यही याद आ रहा था I क्या था ये ?
क्या ये प्यार तो नहीं ?नंदिनी को रोहित से पहली नजर में ही प्यार हो गया था I
अब नंदिनी रोहित से घंटों बातें करती I नंदिनी रोहित को पसंद करती थी पर नंदिनी को नहीं पता था रोहित के दिल में क्या है ?
नंदिनी रोहित को बताना चाहती थी अपने दिल की बातें I पर उससे पहले रोहित के दिल की भी बात जानना चाहती थी I
सोचा इसमें खुशी की मदद ली जाए I नंदिनी ख़ुशी से बातों बातों में रोहित के बारे में पूछती है I
खुशी रोहित को बहुत पहले से जानती थी I नंदिनी ने खुशी को सब बता दिया I अब तो खुशी उसे चिढ़ाने लगी अच्छा जी अब तुम्हें प्यार भी हो गया तुमने तो कहा था I
************************************************************************************************************************************************************************************************************************
नंदिनी अब छोड़ो उन बातों को अब मेरी मदद करो मुझे रोहित के दिल की बातें जाननी है I अच्छा जी तुमने कहा है तो हम तुम्हारी मदद जरुर करेंगे I
नंदिनी और रोहित के बीच बातों का सिलसिला यूँ ही चलता रहा I
खुशी ने कहा नंदिनी – रोहित बहुत सुलझा हुआ लड़का है I तुम उसे अपने दिल की बात कहो ,मुझे लगता है उसे भी तुमसे प्यार है I
नंदिनी खुशी की बात से सहमत हो जाती है I कल वैलेंटाइन है अच्छा दिन है ,में रोहित से अपने दिल की बात कह दुंगी I
नंदिनी आज बहुत खुश है ,वो रोहित को अपनी बात आज कह देगी I
रोहित केंटीन में बैठा है ,तभी रोहित खुशी को आवाज लगाता है I
ख़ुशी –हेलो रोहित कैसे हो ?
रोहित –गुड तुम बताओ क्या हो रहा है ? आज तुम्हारी दोस्त नजर नहीं आ रही ,कहाँ है नंदिनी ?
ख़ुशी –(मुस्कुराते हुए ) क्या बात है रोहित आज नंदिनी की बहुत याद आ रही है I
रोहित –कुछ नहीं यार ऐसे ही पूछ लिया I
तभी नंदिनी हेलो रोहित हेलो ख़ुशी कैसे हो ?
ख़ुशी -हाय नंदिनी चलो तुम दोनों बात करो मुझे कुछ काम है I ख़ुशी कैंटीन से चली जाती है
(,खुशी भी रोहित से प्यार करती थी पर नंदिनी के लिए वह अपना प्यार छोड़ देती है I यह बात न रोहित जानता है ,और न ही नंदिनी )
नंदिनी –हेलो रोहित मुझे तुमसे कुछ कहना है I
रोहित –मैं भी तुमसे कुछ कहना चाहत हूँ ,
दोनों एक दूसरे को एक साथ कहते हैं आई लव यू …………आई लव यू .

सोनी गुप्ता

3 Likes · 4 Comments · 438 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मिन्नते की थी उनकी
मिन्नते की थी उनकी
Chitra Bisht
कोहरा और कोहरा
कोहरा और कोहरा
Ghanshyam Poddar
*****रामलला*****
*****रामलला*****
Kavita Chouhan
Good things fall apart so that the best can come together.
Good things fall apart so that the best can come together.
Manisha Manjari
हौसलों कि उड़ान
हौसलों कि उड़ान
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
भाव और ऊर्जा
भाव और ऊर्जा
कवि रमेशराज
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
"देह एक शीशी सदृश और आत्मा इत्र।
*प्रणय*
*ऋषिगण देते हैं शाप अगर, निज भंग तपस्या करते हैं (राधेश्यामी
*ऋषिगण देते हैं शाप अगर, निज भंग तपस्या करते हैं (राधेश्यामी
Ravi Prakash
अंग प्रदर्शन करने वाले जितने भी कलाकार है उनके चरित्र का अस्
अंग प्रदर्शन करने वाले जितने भी कलाकार है उनके चरित्र का अस्
Rj Anand Prajapati
पीछे तो उसके जमाना पड़ा था, गैरों सगों का तो कुनबा खड़ा था।
पीछे तो उसके जमाना पड़ा था, गैरों सगों का तो कुनबा खड़ा था।
Sanjay ' शून्य'
बुझाने को तैयार हैं कई दिल की आग को,
बुझाने को तैयार हैं कई दिल की आग को,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
एक कलाकार/ साहित्यकार को ,
एक कलाकार/ साहित्यकार को ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
खत पढ़कर तू अपने वतन का
खत पढ़कर तू अपने वतन का
gurudeenverma198
ग़ज़ल(इश्क में घुल गयी वो ,डली ज़िन्दगी --)
ग़ज़ल(इश्क में घुल गयी वो ,डली ज़िन्दगी --)
डॉक्टर रागिनी
24, *ईक्सवी- सदी*
24, *ईक्सवी- सदी*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
खुली आँख से तुम ना दिखती, सपनों में ही आती हो।
खुली आँख से तुम ना दिखती, सपनों में ही आती हो।
लालबहादुर चौरसिया लाल
कब तक कौन रहेगा साथी
कब तक कौन रहेगा साथी
Ramswaroop Dinkar
नियम
नियम
Ajay Mishra
बस यूँ ही
बस यूँ ही
Neelam Sharma
समय का खेल
समय का खेल
Adha Deshwal
तिलक लगाओ माथ या,
तिलक लगाओ माथ या,
sushil sarna
दोहा समीक्षा- राजीव नामदेव राना लिधौरी
दोहा समीक्षा- राजीव नामदेव राना लिधौरी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
स्त्री नख से शिख तक सुंदर होती है ,पुरुष नहीं .
स्त्री नख से शिख तक सुंदर होती है ,पुरुष नहीं .
पूर्वार्थ
3749.💐 *पूर्णिका* 💐
3749.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
" शबाब "
Dr. Kishan tandon kranti
बिन तुम्हारे अख़बार हो जाता हूँ
बिन तुम्हारे अख़बार हो जाता हूँ
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
विचारों में मतभेद
विचारों में मतभेद
Dr fauzia Naseem shad
अंतर्राष्ट्रीय नशा निवारण दिवस पर ...
अंतर्राष्ट्रीय नशा निवारण दिवस पर ...
डॉ.सीमा अग्रवाल
नानी का गांव
नानी का गांव
साहित्य गौरव
Loading...