पहली दफा
कुछ तो है ….,
जो नींद मुझसे ख़फा है ।
है इश्क ये , या नादानी दिल की
पर जो भी है , पहली दफा है ।।
“सैयय्द आकिब ज़मील “
कुछ तो है ….,
जो नींद मुझसे ख़फा है ।
है इश्क ये , या नादानी दिल की
पर जो भी है , पहली दफा है ।।
“सैयय्द आकिब ज़मील “