पहला प्यार
सबा तू धीरे-धीरे चल, सबा तू धीरे-धीरे चल।।
तेरे आने से उड़ता है, परियों का आँचल।।
फूलों जैसी नाज़ुक वो, तितली जैसे लगती है।।
गोरा-गोरा मुखड़ा है, चाँद की जैसे लगती है।।
जिस्म है जैसे मोती का, लगती है संदल,
सबा तू धीरे-धीरे चल, सबा तू धीरे-धीरे चल।।
एक बताऊ मैं तुमको, नखरे उसके देखा हूँ।।
आंखों से वो तीर चलाये, नजरे मिलाके देखा हूँ।।
हिरनी जैसे आंखों से, उड़ता है काजल,
सबा तू धीरे-धीरे चल, सबा तू धीरे-धीरे चल।।
नगमे मुहब्बत गाते-गाते, तारों के बीच में आये तो।।
वो चाँद सा चेहरा रातों में, थोड़ा-थोड़ा मुस्काये तो।।
आ जाये अकेले छत पे वो, कुछ ऐसा कर इस पल,
सबा तू धीरे-धीरे चल, सबा तू धीरे-धीरे चल।।
बारिश की छींटे थोड़ा सा, लेकर के तो आओ तुम।।
मस्त सुहानी रंगीन फ़ज़ा, लेकर के तो आओ तुम।।
बन जाये कुछ बात मेरा भी, ऐसे मचा हलचल,
सबा तू धीरे-धीरे चल, सबा तू धीरे-धीरे चल।।
तेरे आने से उड़ता है, परियों का आँचल।।
सबा तू धीरे-धीरे चल, सबा तू धीरे-धीरे चल ।।