पश्चिमी हवा का असर
पश्चिमी हवा का असर
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अर्ध नग्न हो के नृत्य लोग अब करते हैं,
जिसे देखते हैं रोज बेटे और बेटियाँ।
पश्चिमी हवा को सभी करते स्वीकार पर,
पथ से भटक रहे मुन्ने और मुन्नियाँ।
सभ्यता के नाम पर चैनलों को देखिये जो,
नग्नता परोस रहे और रंगरलियाँ।
लाज न शरम कोई नीति न धरम कोई,
कैसी आजकल हम रच रहे दुनियाँ?
– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 08/07/2019