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23 Nov 2024 · 1 min read

पल – प्रतिपल जीवन में अज्ञात सा भय सताएगा ही,

पल – प्रतिपल जीवन में अज्ञात सा भय सताएगा ही,
तो क्या इंसान हॅंसी-खुशी सुकून का पल बिताएगा नहीं?
इरादों में अपने अटल अविचल जो कर्म-पथ पे है अग्रसर,
शिखर पे चढ़कर सुखमय जीवन सतत बिताएगा वही।

…. अजित कर्ण ✍️

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