पल दो पल जिन्दगी की शाम
पल दो पल जिन्दगी की शाम , यूं ही न हो जाए
किसी के गम कम कर सकें, कुछ ऐसा हो जाए
साँसों के टूटने की घड़ी , यूं ही न आ जाए
किसी रोते को हँसा सकें, कुछ ऐसा हो जाए
पल दो पल जिन्दगी की शाम , यूं ही न हो जाए
किसी के गम कम कर सकें, कुछ ऐसा हो जाए
साँसों के टूटने की घड़ी , यूं ही न आ जाए
किसी रोते को हँसा सकें, कुछ ऐसा हो जाए