पलायन नही सामना करें
पलायन नही सामना करें
समस्या से भागना बहुत आसान रास्ता है। अक्सर साधारण लोग यही रास्ता अपनाते है। लेकिन विजयपथ के सैनिक समस्या का सामना करते है, उस पर मात करने की तरकीब ढूंढते है। समस्या को वे लोग ऊपर वाले का प्रकोप नही मानते बल्कि अपने आपको सिद्ध करने का एक हथियार मानते है।
कुछ सदी पहले लोग एक अनजान बीमारी से अपनी जान खो रहे थे। एक तरफ बहुत से काबिले लोग सोच रहे थे कि यह कोई कुदरत का प्रकोप है, वह नाराज है वंही दूसरी तरफ प्रयोग शाला में भीड़ का एक छोटा सा हिस्सा उस बीमारी को पकड़ने में लगा हुआ था। बाद में पता चला यह कोई कुदरत का, ईश्वर का प्रकोप नही बल्कि मादा डेल्फ़िया के काटने से एक बीमारी होती है जिसे ” मलेरिया ” कहा जाता है।
महात्मा गांधी ने भी कहा जो समस्या के साथ उठता है, बैठता है, सोता है, खाता है, चलता है वह उसे हल कर लेता है।
समस्या आपको और मजबूत बनाने आती है। पलायन करने से थोड़े समय तो बच सकते हो लेकिन वह फिर किसी और भेष में आ जायेगा। हो सकता है पहले से भी विकराल रूप में।
सामना करें, जितना हो सकता है उतना नक़ल करने की कोशिश करें। लोगो की मदद ले, लेकिन उसे हल करें।
आनंदश्री