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23 Jun 2024 · 1 min read

पलकों पे सपने लिए, लाँघे जब दहलीज।

पलकों पे सपने लिए, लाँघे जब दहलीज।
बिटिया की माँ का हृदय, रहरह उठे पसीज।।

© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद

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