पर्व ऐसे मनाइए
पर्व ऐसे मनाइए, मीटे कटुता द्वेष।
प्रेम रंग से भर जाय , व्यक्ति कुटुंब देश।
हिंदू भारतवर्ष के, रहे सदा ही एक
जाति वर्ग में ना बटे,ऊँच-नीच का भेद।
-विष्णु प्रसाद ‘पाँचोटिया’
पर्व ऐसे मनाइए, मीटे कटुता द्वेष।
प्रेम रंग से भर जाय , व्यक्ति कुटुंब देश।
हिंदू भारतवर्ष के, रहे सदा ही एक
जाति वर्ग में ना बटे,ऊँच-नीच का भेद।
-विष्णु प्रसाद ‘पाँचोटिया’