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16 Nov 2024 · 1 min read

पर्यावरण के उपहासों को

पर्यावरण के उपहासों को
वह देख रहीं हैं
वृक्ष ,पर्वत ,जंगल और नदियाँ
अब बिलख रहीं हैं
दूषित कर रहा जन जीवन
कार्बन उत्सर्सन को
कोई ना रोक सका
विकसित देशों को आगे बढ़कर
कोई ना टोक सका!!@ परिमल

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