पर्यावरण के उपहासों को
पर्यावरण के उपहासों को
वह देख रहीं हैं
वृक्ष ,पर्वत ,जंगल और नदियाँ
अब बिलख रहीं हैं
दूषित कर रहा जन जीवन
कार्बन उत्सर्सन को
कोई ना रोक सका
विकसित देशों को आगे बढ़कर
कोई ना टोक सका!!@ परिमल
पर्यावरण के उपहासों को
वह देख रहीं हैं
वृक्ष ,पर्वत ,जंगल और नदियाँ
अब बिलख रहीं हैं
दूषित कर रहा जन जीवन
कार्बन उत्सर्सन को
कोई ना रोक सका
विकसित देशों को आगे बढ़कर
कोई ना टोक सका!!@ परिमल