*परिमल पंचपदी— नवीन विधा*
परिमल पंचपदी— नवीन विधा
11/08/2024
(1) — प्रथम, द्वितीय पद तथा तृतीय, पंचम पद पर समतुकांत।
हिसाब।
रहा लाजवाब।।
हुआ है अब बराबर।
तुम जिस तरह मैं भी वैसा ही,
दोनों की गलतियां हुई आज उजागर।।
(2)– द्वितीय, तृतीय पद तथा प्रथम, पंचम पद पर तुकांत।
किताब।
उत्कृष्ट भावों की।
मिले सभी भटकावों की।।
अनोखी कहानी लिखी जा रही है,
छल कपट मैत्री संघर्ष हैं बेहिसाब।।
(3)— प्रथम, तृतीय एवं पंचम पद पर समतुकांत।
नकाब।
उतर चुका है,
खत्म सभी हुए रुआब।।
अब बहुत मेहनत के बाद,
जीवन की बगिया में महकेंगे गुलाब।।
(4)—- संपूर्ण पंच पद अतुकांत।
शराब
पीना छोड़ दिया
राम रसायन पीता हूँ
जहर पीने की जरुरत नही
अमृतमय हो चुका है संपूर्ण जीवन
— डॉ रामनाथ साहू ‘ननकी’
छंदाचार्य, बिलासा छंद महालय