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23 Jun 2024 · 1 min read

परिंदों का भी आशियां ले लिया…

परिंदों का भी आशियां ले लिया…
कहाँ खत्म हैं ये तेरी हसरतें…
तुझे चाहिए बंदिशों में हवा…
खुले आसमां की नहीं चाहतें

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