परिंदे को गम सता रहा है।
परिंदे को गम सता रहा है।
मौसम जो यूं बदल रहा है।।
दर बदर की ये जिन्दगी है।
ये सोच कर वो उड़ रहा है।।
✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️
परिंदे को गम सता रहा है।
मौसम जो यूं बदल रहा है।।
दर बदर की ये जिन्दगी है।
ये सोच कर वो उड़ रहा है।।
✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️