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5 Aug 2020 · 1 min read

“परिंदा”

“क्या सोचा कभी परिंदा बसेरा कैसे बनाता है,
अपनी छोटी सी ज़िंदगी मे सुकून कहाँ से लाता है,
इस काश! के समंदर से सोचो कभी निकलकर ,
सीखो उस परिंदे से , जो तिनके तिनके से अपना घर सजाता है।।”

Language: Hindi
4 Likes · 2 Comments · 569 Views
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