Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Mar 2018 · 1 min read

परिंदा हूं आसमान में उड़ना चाहता हूं….

परिंदा हूं आसमान में उड़ना चाहता हूं
कस्ती हूं समुंदर में उतरना चाहता हूं
हिम्मत,हुनर, हवसला,क़िस्मत
कितना है सब परखना चाहता हूं।

हर एहसास उलझ गए है
दिल के हाल बिगड़ गए है
जज्बात ठहरते नही अब
बेपरवाह हमे समझ गए है।

Language: Hindi
1 Like · 269 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बेचारा प्रताड़ित पुरुष
बेचारा प्रताड़ित पुरुष
Manju Singh
यहां कोई बेरोजगार नहीं हर कोई अपना पक्ष मजबूत करने में लगा ह
यहां कोई बेरोजगार नहीं हर कोई अपना पक्ष मजबूत करने में लगा ह
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
धीरे-धीरे सब ठीक नहीं सब ख़त्म हो जाएगा
धीरे-धीरे सब ठीक नहीं सब ख़त्म हो जाएगा
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नई पीढ़ी पूछेगी, पापा ये धोती क्या होती है…
नई पीढ़ी पूछेगी, पापा ये धोती क्या होती है…
Anand Kumar
करके ये वादे मुकर जायेंगे
करके ये वादे मुकर जायेंगे
Gouri tiwari
*** मुफ़लिसी ***
*** मुफ़लिसी ***
Chunnu Lal Gupta
पहले साहब परेशान थे कि हिन्दू खतरे मे है
पहले साहब परेशान थे कि हिन्दू खतरे मे है
शेखर सिंह
यदि कोई सास हो ललिता पवार जैसी,
यदि कोई सास हो ललिता पवार जैसी,
ओनिका सेतिया 'अनु '
आंखे मोहब्बत की पहली संकेत देती है जबकि मुस्कुराहट दूसरी और
आंखे मोहब्बत की पहली संकेत देती है जबकि मुस्कुराहट दूसरी और
Rj Anand Prajapati
🚩मिलन-सुख की गजल-जैसा तुम्हें फैसन ने ढाला है
🚩मिलन-सुख की गजल-जैसा तुम्हें फैसन ने ढाला है
Pt. Brajesh Kumar Nayak
रक्त को उबाल दो
रक्त को उबाल दो
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
संवाद होना चाहिए
संवाद होना चाहिए
संजय कुमार संजू
सोनेवानी के घनघोर जंगल
सोनेवानी के घनघोर जंगल
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
न शायर हूँ, न ही गायक,
न शायर हूँ, न ही गायक,
Satish Srijan
घर बन रहा है
घर बन रहा है
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
आँखों   पर   ऐनक   चढ़ा   है, और  बुद्धि  कुंद  है।
आँखों पर ऐनक चढ़ा है, और बुद्धि कुंद है।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
मंजिल
मंजिल
डॉ. शिव लहरी
■ देश भर के जनाक्रोश को शब्द देने का प्रयास।
■ देश भर के जनाक्रोश को शब्द देने का प्रयास।
*Author प्रणय प्रभात*
मुसाफिर हैं जहां में तो चलो इक काम करते हैं
मुसाफिर हैं जहां में तो चलो इक काम करते हैं
Mahesh Tiwari 'Ayan'
*गुरुदेव की है पूर्णिमा, गुरु-ज्ञान आज प्रधान है【 मुक्तक 】*
*गुरुदेव की है पूर्णिमा, गुरु-ज्ञान आज प्रधान है【 मुक्तक 】*
Ravi Prakash
प्रेम साधना श्रेष्ठ है,
प्रेम साधना श्रेष्ठ है,
Arvind trivedi
बेटी के जीवन की विडंबना
बेटी के जीवन की विडंबना
Rajni kapoor
हँसकर आँसू छुपा लेती हूँ
हँसकर आँसू छुपा लेती हूँ
Indu Singh
कदम चुप चाप से आगे बढ़ते जाते है
कदम चुप चाप से आगे बढ़ते जाते है
Dr.Priya Soni Khare
हर रोज याद आऊं,
हर रोज याद आऊं,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
If you get tired, learn to rest. Not to Quit.
If you get tired, learn to rest. Not to Quit.
पूर्वार्थ
कहीं फूलों के किस्से हैं कहीं काँटों के किस्से हैं
कहीं फूलों के किस्से हैं कहीं काँटों के किस्से हैं
Mahendra Narayan
मैं एक फरियाद लिए बैठा हूँ
मैं एक फरियाद लिए बैठा हूँ
Bhupendra Rawat
*छ्त्तीसगढ़ी गीत*
*छ्त्तीसगढ़ी गीत*
Dr.Khedu Bharti
खोखला वर्तमान
खोखला वर्तमान
Mahender Singh
Loading...