परिंदा हूं आसमां का
परिंदा हूं आसमां का
जमीं से उड़ान भरता हूं
चलो तुम मेरे साथ
एक नया सफर शुरू करते है
ना देरी होगी ना रुकावट होगी
सफर की बाजी शुरू होगी
संघर्ष का दौर जारी है
अंततः जीत हमारी होगी
ना कभी रुका ना ख्वाब टूटा
जीवन में सीधा हार का तार टूटा
हौसलों की उड़ान जारी है
शुरुआत अभी हमारी होगी
मेहनत से उठ खड़ा हुआ मैं
पसीने से नहाया
संघर्ष की गोद में पला हू में
आंधियां से टकराया ।।
प्रवीण सैन नवापुरा ध्वेचा