परदेश
कि जिम्मेदारियां आती, तो मस्ती छूट जाती है।
किसी की प्राण प्रिय प्रेयसि सिसकती छूट जाती है।
चले जाते कमाने को सभी परदेश में लेकिन,
कहीं ममतामयी अनमोल हस्ती छूट जाती है।
अदम्य
कि जिम्मेदारियां आती, तो मस्ती छूट जाती है।
किसी की प्राण प्रिय प्रेयसि सिसकती छूट जाती है।
चले जाते कमाने को सभी परदेश में लेकिन,
कहीं ममतामयी अनमोल हस्ती छूट जाती है।
अदम्य