परदेशी
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जाते हो तुम जिस तरह जल्दी आना जी।
प्यारे बच्चों के लिए कुछ खास खिलौने लाना जी
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जाते हो परदेस अगर. खबर भी लेते रहना ।
पत्नी बच्चों को फिर आकर अपने गले लगाना जी
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दौलत के इस चकाचौंध में भूल न जाना मित्रों को
उनकी भी खुशियां तुमसे है देखो भूल न जाना जी
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मात-पिता की आँख के तारे, तुम्ही सहारे उनके हो
अच्छा बेटा बनकर ” प्रीतम” अपना फर्ज़ निभाना जी।।????????